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आभा रानी जी ने अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत एक टीचर एजुकेटर के तौर पर की। टीचर एजुकेटर बनने का फैसला हैरानी का था क्योंकि अधिकांशतः लोग स्कूल निरीक्षण का काम चुनते हैं। उन्हें शुरू से पढ़ने-पढ़ाने में दिलचस्पी थी। साथ ही, उनकी माँ भी इसी क्षेत्र से जुड़ी रहीं तो माँ के नक्शे-कदम पर चलते हुए उन्होंने इस नियुक्ति को बड़ी उत्सुकता से स्वीकारा।
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