मैंने LLF का कोर्स सन 2016 में किया था l कोर्स को करने का मेरा एक ही उद्देश्य था कि मैं अपने विद्यालय के कक्षा 1 और 2 के बच्चों मे क्रमबद्ध तरीके से पठन कौशल क्षमता का विकास करना चाहती थीं l इसके पूर्व मैंने बच्चों के साथ आरंभिक पठन पर कार्य किया तो था लेकिन उस कार्य में एक बिखराव सा महसूस होता था क्योंकि उसके पहले मुझे यह नहीं पता था कि मैं जिस दिशा में कार्य कर रही हूं वह सही है या गलत l मैं बस कार्य किए जा रही थी और मुझे उस कार्य का परिणाम तो मिल रहा था लेकिन उसकी गति बहुत ही धीमी थी l तभी मुझे आरंभिक पठन कौशल क्षमता के विकास के लिए लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन द्वारा संचालित इस कोर्स के बारे में संयुक्त निदेशक सर के माध्यम से पता चला l इस कोर्स के दौरान मैंने मौखिक भाषा के विकास के लिए कई सारी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की । इन गतिविधियों को करने के दौरान ही मैंने पाया कि दो ऐसी जुड़वा बहने जो कुछ बोलना पसंद नहीं करती थी और चुपचाप ही एक कोने में बैठी रहती थी वह 2 महीने के बाद कक्षा की प्रत्येक गतिविधि में प्रतिभाग कर रही थीं । मुझे यह देखकर अत्यंत खुशी हुई । बच्चों में चरणबद्ध ढंग से पठन कौशल क्षमता के विकास के लिए कोर्स के दौरान सीखी हुई तमाम गतिविधियों और रणनीतियों का प्रयोग करके मैंने अपनी कक्षा के बच्चों को एक बेहतर माहौल देने का प्रयास किया। बच्चे डिकोडिंग के साथ ही साथ शब्दावली पर भी कार्य कर पा रहे थे। बच्चों की शब्दावली को समृद्ध बनाने के तरीके काफी रोचक गतिविधियों के साथ प्रस्तुत करने में मुझे इस कोर्स से बहुत सहायता मिली । इस तरह मैंने कक्षा कक्ष में कोर्स की समझ का प्रयोग करने का प्रयास किया । कक्षा के साथ-साथ मैंने कोर्स की समझ का प्रयोग राज्य स्तर पर लिखे जा रहे हैं शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल के साथ भी किया । मुझे अत्यंत गर्व की अनुभूति हुई जब मैंने अपने कोर्स की समझ ई जी आर अंग्रेजी के शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल को विकसित करने में की जिसे प्रदेश भर के शिक्षक आज आरंभिक स्तर पर अंग्रेजी शिक्षण को सुगम बनाने के लिए कर रहे हैं । इस कोर्स के उपरांत ही मैंने एक पीएलसी नींव का गठन किया जिसका जिसका मुख्य उद्देश्य अपने कोर्स की समझ को दूसरे साथी शिक्षकों के साथ साझा करना था । मेरी इस पीएलसी में मेरे साथी शिक्षक संवाद मंच, कॉन्फ्रेंस कॉल, मासिक बैठक और कार्यशाला के माध्यम से अपने विचारों को साझा करते हैं और इस कोर्स की गतिविधियों के बारे में विभिन्न जानकारियां प्राप्त करते हैं। इस श्रंखला में मेरे इस समूह से जनपद गोरखपुर के 30 शिक्षक जुड़े हुए हैं । इस समूह के अलावा मैं समय-समय पर WhatsApp के माध्यम से अन्य समूहों में शिक्षकों के साथ उसकी समझ को साझा करती हूं जिसके फलस्वरुप आज कोर्स की समझ को मै तीन सौ से अधिक शिक्षकों के साथ साझा कर पा रही हूं ।